union budget 2024 – आम बजट में वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और टैक्स स्लैब (tax slab) में बदलाव से वेतनभोगियों को भले ही मामूली राहत मिले, लेकिन सरकार ने स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) में कई बदलाव करके करदाताओं को अतिरिक्त राहत देने की कोशिश की है। साथ ही मकान मालिकों द्वारा कर चोरी रोकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने किराये की आय पर कर के नियमों में बदलाव किया है। अब मकान किराए से प्राप्त आय को किराये की आय के रूप में दिखाना होगा।
बदले गए टीडीएस-टीसीएस के ये नियम (These rules of TDS-TCS changed)
किराए के भुगतान पर कम टीडीएस: बजट (union budget 2024) में किसी व्यक्ति या एचयूएफ द्वारा एक महीने या उसके हिस्से के किराए के रूप में 50,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर टीडीएस की दर को पहले के 5% से घटाकर 2% करने का प्रस्ताव किया गया है। कई परिवार, खासकर सेवानिवृत्त लोग किराये की आय पर निर्भर हैं। टैक्स में कमी होने से उनके हाथ में किराए का ज्यादा पैसा आएगा। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा।
अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस: 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य की आवासीय संपत्ति के खरीदार को भुगतान की गई कीमत का 1% की दर से टीडीएस काटना पड़ता है। हालांकि, पहले, खरीदार या विक्रेता के हिस्से को विभाजित करके ऐसे लेनदेन में टीडीएस से बचा जा सकता था। बजट में स्पष्ट किया गया है कि 50 लाख रुपये से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति पर टीडीएस काटा जाना चाहिए, भले ही संपत्ति में विक्रेताओं या संयुक्त मालिकों की संख्या कितनी भी हो।
वेतनभोगी कर्मियों के लिए क्रेडिट (Credit for salaried personnel)
नियोक्ता की टीडीएस कटौती के साथ-साथ वेतनभोगी लोगों को अन्य लेनदेन के तहत उनसे लिए गए टीसीएस का भी सामना करना पड़ता है। बजट में प्रस्ताव है कि 1 अक्टूबर से, वेतन पर टीडीएस काटते समय कर्मचारी से एकत्र किए गए सभी टीसीएस और अन्य टीडीएस की गणना की जा सकती है। यह वेतनभोगी लोगों के लिए फायदेमंद होगा।
नाबालिग के लिए टीसीएस क्रेडिट (TCS credit for minor)
इनकम टैक्स के मामले में नाबालिग बच्चे की आय माता-पिता की आय से जुड़ी होती है। लेकिन माता-पिता अपनी टैक्स देनदारी की गणना करते समय नाबालिग बच्चे की आय से एकत्रित टीसीएस क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकते। अगर बच्चे की आय माता-पिता से जुड़ी है तो 1 जनवरी 2025 से वे अपने नाबालिग बच्चे का टीसीएस क्लेम कर सकेंगे।
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किराये से होने वाली आय को लेकर घोषणा (Announcement regarding rental income)
अभी तक मकान मालिक के पास किराए से होने वाली आय को ‘व्यवसाय या पेशे से लाभ’ के तहत दिखाने का विकल्प था। यानी जिस राशि पर टैक्स लगाया जाना है, उसे निर्धारित करने के लिए मकान मालिक कुल आय में से अपने खर्चों को घटा सकता था। यानी मकान मालिक यह दिखा सकता था कि उसे इस व्यवसाय से घाटा हो रहा है। यानी किराया खर्च से ज्यादा है। ऐसे में उसका पूरा टैक्स बच जाता था। अब वित्त मंत्री ने इस पर नकेल कस दी है।
ये है नया नियम (union budget 2024)
अब मकान मालिकों को अपने घर के किराए से होने वाली आय को हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय के तहत दिखाना होगा। इसका मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति को अपने घर की प्रॉपर्टी से होने वाली पूरी आय यानी किराए पर टैक्स देना होगा। यानी वे खर्च दिखाकर टैक्स छूट नहीं ले पाएंगे। नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और यह आकलन वर्ष 2025-26 और उसके बाद के आकलन वर्षों के लिए लागू होगा।
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मकान मालिक ऐसे बचा पाएंगे टैक्स
हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय के तहत मकान मालिकों को कुछ तरह की टैक्स छूट मिलेगी। वे प्रॉपर्टी की नेट वैल्यू यानी एनएवी पर 30 फीसदी स्टैंडर्ड डिडक्शन ले सकेंगे। स्टैंडर्ड डिडक्शन का मतलब है कि सरकार आपको ऐसे कई खर्चों पर छूट देती है, जो आमतौर पर रोजाना होते हैं। इसके लिए सरकार कोई सबूत नहीं मांगती। इसके अलावा मकान मालिकों के पास टैक्स बचाने का दूसरा बड़ा विकल्प लोन पर मिलने वाला ब्याज है। अगर आपने लोन लेकर कोई प्रॉपर्टी खरीदी है या घर बनवा रहे हैं तो उसे चुकाने के लिए आप जो ब्याज देंगे, उस पर टैक्स नहीं लगेगा।